प्रेमानंद महाराज के रात में दर्शन बंद, सूचना जारी; वृंदावन में श्रद्धालुओं के लिए रात्रि 2 बजे पैदल निकलते, दोनों किडनी डैमेज, फिर भी जिंदा
Vrindavan Wale Premanand Maharaj Ratri Darshan Band Soochna Radha Keli Kunj
Premanand Maharaj Darshan: वृंदावन वाले विश्वविख्यात संत प्रेमानंद जी महाराज से जुड़ी एक अहम सूचना सामने आई है। जिसमें प्रेमानंद महाराज के दर्शन को लेकर जानकारी दी जा रही है। बताया गया है कि, प्रेमानंद महाराज के दर्शन अब रात में नहीं हो पाएंगे। महाराज जी के रात्रि दर्शन अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिए गए हैं। श्री हित राधा केलि कुंज परिकर की तरफ से आधिकारिक तौर पर यह सूचना जारी की गई है। फिलहाल यह फैसला क्यों लिया गया है? आइये जानते हैं।
प्रेमानंद जी महाराज के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल 'भजन मार्ग' पर सूचना (Premanand Ji Maharaj Ratri Darshan Soochna) जारी की गई है। जिसमें कहा गया है- ''आप सभी को सूचित किया जाता है कि पूज्य महाराज जी के स्वास्थ व बढ़ती हुई भीड़ को देखते हुए, पूज्य महाराज जी, जो पद यात्रा करते हुए रात्रि 02:00 बजे से श्री हित राधा केलि कुंज जाते थे, जिसमें सब दर्शन पाते थे, वो अनिश्चित काल के लिए बंद किया जाता है। श्री हित राधा केलि कुंज।''
रात में सबको दर्शन देते प्रेमानंद जी महाराज
दरअसल, प्रेमानंद महाराज का आश्रम वैसे श्री हित राधा केलि कुंज है। जहां वह एक निर्धारित समय के लिए विराजमान रहते हैं। श्री हित राधा केलि कुंज में राधा कीर्तन, सत्संग और वार्तालाप में शामिल होकर प्रेमानंद जी महाराज के दर्शन किए जा सकते हैं। लेकिन वहां दर्शन के लिए सबका नंबर नहीं आ पाता। इसलिए प्रेमानंद महाराज स्वास्थ्य समस्या के बावजूद रोज रात्रि 2 बजे अपने एक अन्य आश्रम से निकलकर परिकर्मा मार्ग पर पैदल चलते हैं। जिससे सार्वजनिक रूप से बड़ी से बड़ी संख्या में श्रद्धालु उनके दर्शन कर सकें।
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प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए हजारों की भीड़ लगती
प्रेमानंद महाराज वृन्दावन में जब परिकर्मा मार्ग पर पैदल निकलते हैं तो इस पदयात्रा में हजारों भक्त उनके दर्शन करते हैं। उनके दर्शन को लालायित श्रद्धालु सड़क के दोनों छोरों पर बड़ी संख्या में खड़े रहते हैं। लगभग दो-तीन किलोमीटर की लंबी लाइन लगी होती है। इस दौरान महाराज जी के दर्शन सबको हो पाते हैं। इस दौरान प्रेमानंद जी महाराज रुक-रुककर कुछ श्रद्धालुओं से बात भी कर लेते हैं। लेकिन प्रेमानंद महाराज के दर्शन को लेकर बढ़ती भारी भीड़ में कोई हादसा न हो जाये। इसे देखते हुए अब उनकी पदयात्रा बंद कर दी गई है।
प्रेमानंद जी महाराज की दोनो किडनी खराब
राधारानी के परम भक्त प्रेमानंद जी महाराज के बारे में लोग ताज्जुब खाते हैं। बीते 17-18 सालों से महाराज जी की दोनो किडनी खराब हैं। लेकिन फिर भी महाराज जी के जीवंत और अद्भुत स्वरूप को देखा जा सकता है। दोनो किडनी खराब होने के बाद भी उनके चेहरे का तेज देखते ही बनता है। आज घर-घर प्रेमानंद जी महाराज को सुना जा रहा है और उनके बारे में चर्चा की जा रही है। लोग यह कहने पर मजबूत हैं कि आज के समय में अगर कोई असली संत है तो वह प्रेमानंद जी महाराज हैं।
प्रेमानंद महाराज सीधी और स्पष्ट बात बोलते हैं। चाहें भले ही वह लोगों को कड़वी लगे। महाराज जी के प्रवचनों ने आज पूरे देश और दुनिया में एक नई लहर सी ला दी है। क्या युवा और क्या बड़े सब प्रेमानंद जी महाराज को सुनना चाह रहे हैं, उनके दर्शन करना चाह रहे हैं। प्रेमानंद जी महाराज के मुखमंडल से निकला एक-एक शब्द लोगों को आकर्षित कर रहा है और उनमें अच्छे बदलाव की भावना को जाग्रत कर रहा है।
प्रेमानंद महाराज का पूरा नाम क्या?
प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Ji Maharaj) का पूरा नाम प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज है। उनका जन्म कानपुर के एक गांव में हुआ था। प्रेमानंद महाराज 13 साल की उम्र में ही रात 3 बजे घर से संन्यास के रास्ते में चलने के लिए भाग आए थे। उस समय वह कक्षा 9 में पढ़ते थे। इसके बाद वह कभी घर नहीं लौटें और अपना पूरा जीवन भगवान को समर्पित कर दिया। उन्होंने शुरुवात में संन्यास के कई साल भगवान शिव में लीन होकर काशी में बिताए। इसके बाद वह वृंदावन आ गए और राधारानी के परम भक्त हो गए।
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